पहलगाम हमला: आतंक का कहर, टूरिस्टों से पूछी पहचान, पढ़वाया कलमा

Vishal Singh | बड़ी खबर | 38

सूत्रों के मुताबिक, हमले में शामिल आतंकी सेना की वर्दी में थे और उनके पास अत्याधुनिक हथियार थे। टूरिस्ट बसों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में घुसकर आतंकियों ने नाम, धर्म और जाति पूछकर गोलियां बरसाईं। यह वही पैटर्न है जो इस्लामिक स्टेट (ISIS) अपने हमलों में इस्तेमाल करता रहा है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने एक बार फिर मुंबई के 26/11 हमले की याद ताजा कर दी है। जिस तरह आतंकियों ने पहचान पूछकर टारगेट किया, और कलमा पढ़वाया, वह न सिर्फ भयावह है, बल्कि आतंकी संगठनों की बदलती रणनीति को भी उजागर करता है। सूत्रों के मुताबिक, हमले में शामिल आतंकी सेना की वर्दी में थे और उनके पास अत्याधुनिक हथियार थे। टूरिस्ट बसों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में घुसकर आतंकियों ने नाम, धर्म और जाति पूछकर गोलियां बरसाईं। यह वही पैटर्न है जो इस्लामिक स्टेट (ISIS) अपने हमलों में इस्तेमाल करता रहा है।

ISIS से प्रभावित नई रणनीति?
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस हमले में जिस तरह की मानसिक और सांप्रदायिक छंटनी की गई, वह ISIS की विचारधारा और शैली को दर्शाता है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन अब उसी शैली में हमले कर रहे हैं, जिसमें धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाना शामिल है।

अमरनाथ यात्रा थी संभावित निशाना
खुफिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस हमले का एक बड़ा उद्देश्य अमरनाथ यात्रा को बाधित करना था। आने वाले हफ्तों में लाखों श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा पर निकलने वाले हैं और आतंकियों ने इससे पहले दहशत फैलाकर राज्य की शांति व्यवस्था को तोड़ने की कोशिश की।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
घटना के बाद गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर पूरे क्षेत्र में सख्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। सेना, CRPF और BSF के जवानों ने इलाके को घेर लिया है। हाई अलर्ट पर चल रही एजेंसियों ने श्रीनगर से लेकर दिल्ली तक मोर्चा संभाल लिया है। यह हमला महज एक हमला नहीं, बल्कि धर्म के नाम पर इंसानियत पर प्रहार है। पहलगाम की वादियां आज लहूलुहान हैं और देश फिर एकजुट होकर आतंक को शिकस्त देने के लिए खड़ा है।