भारत ने सिंधु जल समझौते से हटने का फैसला किया है और पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास को बंद किया जा रहा है। इसके साथ ही भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मृतकों में अधिकतर पर्यटक थे, जो छुट्टियां मनाने के लिए आए थे। घटना के बाद से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है।
हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री आवास पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक हुई। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत के कड़े रुख की जानकारी दी। भारत ने सिंधु जल समझौते से हटने का फैसला किया है और पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास को बंद किया जा रहा है। इसके साथ ही भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
इस वक्त जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। 1,500 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने श्रीनगर और पहलगाम का दौरा कर हालात का जायजा लिया और दिल्ली लौटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेता इस वक्त एक बार फिर पीएम आवास पर रणनीति तैयार कर रहे हैं।
सेना ने भी सख्त रुख अपनाया है। उरी सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो भी इस हमले के पीछे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
हमले में मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "हम इस कायराना हमले की निंदा करते हैं। आदिल ने हमले को रोकने की कोशिश की थी। यह हमारे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।"
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