शिमला समझौते पर संकट: भारत-पाक तनाव के बीच फिर से उठी पुरानी संधियों की गूंज

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गुरुवार को प्रधानमंत्री शाहनवाज शरीफ की अध्यक्षता में पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक हुई, जिसमें भारत की तर्ज पर कई जवाबी फैसले लिए गए। इनमें सबसे गंभीर धमकी 'शिमला समझौते' को स्थगित करने की है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल समझौते को स्थगित करना, पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा न देना और दूतावास में स्टाफ घटाना शामिल है। भारत के इन फैसलों से बौखलाया पाकिस्तान अब जवाबी कार्रवाई में जुट गया है। गुरुवार को प्रधानमंत्री शाहनवाज शरीफ की अध्यक्षता में पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक हुई, जिसमें भारत की तर्ज पर कई जवाबी फैसले लिए गए। इनमें सबसे गंभीर धमकी 'शिमला समझौते' को स्थगित करने की है।

1972 में भारत-पाक युद्ध के बाद शिमला में इंदिरा गांधी और जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुए इस समझौते ने दोनों देशों को विवादों का हल शांतिपूर्ण तरीके से आपसी बातचीत से करने की राह पर रखा था। समझौते के अनुसार, कोई तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं करेगा और नियंत्रण रेखा का सम्मान किया जाएगा। अब इस समझौते पर मंडराता संकट, दक्षिण एशिया में शांति के लिए एक नई चुनौती बनता दिख रहा है।