60 वर्ग मीटर के भूखंड के लिए न्यूनतम बिल ₹2,280 होगा। प्लॉट का आकार बढ़ने के साथ-साथ बिल की राशि भी बढ़ती जाएगी।
अप्रैल महीने की शुरुआत के साथ ही ग्रेटर नोएडा के निवासियों को महंगाई का एक और झटका लगने वाला है। 1 अप्रैल 2025 से ग्रेटर नोएडा में पानी के बिल में 10% की बढ़ोतरी की जा रही है, जिससे आम जनता और व्यवसायिक संस्थानों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
बढ़ी दरों का हर श्रेणी पर असर
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पानी की दरों में वृद्धि का आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। इस बढ़ोतरी का असर सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं—आवासीय, औद्योगिक, संस्थागत, व्यावसायिक, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी, बिल्डर्स और आईटी प्लॉट्स—पर पड़ेगा।
नई दरें 1 अप्रैल से होंगी प्रभावी
प्राधिकरण के आदेश के अनुसार, पानी की नई दरें 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएंगी। इस वृद्धि के बाद, उपभोक्ताओं को अपने पानी के बिल में 10% अधिक भुगतान करना होगा।
कैसे वसूला जाएगा नया बिल?
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी प्लॉट के क्षेत्रफल के हिसाब से पानी का बिल वसूलती है। रिपोर्ट के मुताबिक:
60 वर्ग मीटर के भूखंड के लिए न्यूनतम बिल ₹2,280 होगा। प्लॉट का आकार बढ़ने के साथ-साथ बिल की राशि भी बढ़ती जाएगी।
स्थानीय लोगों का विरोध, प्राधिकरण अडिग
बिल में बढ़ोतरी को लेकर स्थानीय लोग नाराज हैं और विरोध कर रहे हैं, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारी अपने फैसले पर अडिग हैं। बढ़ती महंगाई के बीच यह अतिरिक्त खर्च आम लोगों की जेब पर भारी पड़ सकता है।
क्या होगी आगे की स्थिति?
ग्रेटर नोएडा में पानी की बढ़ी दरों को लेकर जनता में असंतोष है। देखना होगा कि इस फैसले पर कोई पुनर्विचार होता है या नहीं, लेकिन फिलहाल 1 अप्रैल से सभी उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई दरों के अनुसार ही भुगतान करना होगा।
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