सर्जरी और खेती से जुड़े कामों से लेकर अंतरिक्ष तक: भारत में बढ़ रहा है रोबोट का इस्तेमाल

Vishal Singh | बड़ी खबर | 31

भारत में रोबोटिक्स का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है और इसका प्रभाव चिकित्सा, कृषि, उद्योग और अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में देखा जा सकता है। 2016 से 2021 के बीच काम करने वाले रोबोट की संख्या दोगुनी हो चुकी है, जो भारत की तकनीकी प्रगति का प्रमाण है।

 

हाल ही में विकसित SSI मंत्र टेली-रोबोटिक सिस्टम ने देश को सर्जरी में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, जबकि खेतों में एग्रीबॉट और अंतरिक्ष में प्रज्ञान रोवर जैसी उपलब्धियां रोबोटिक्स के बहुआयामी उपयोग को दर्शाती हैं। हालांकि, रोबोटिक्स में अग्रणी बनने के लिए भारत को लागत, ट्रेनिंग और तकनीकी चुनौतियों से पार पाना होगा। इस रिपोर्ट में हम रोबोटिक्स के विभिन्न पहलुओं, उसकी चुनौतियों और उज्जवल भविष्य पर चर्चा करेंगे।
भारत में रोबोटिक्स का विकास: तेज़ी लेकिन चुनौतियों के साथ
भारत में रोबोट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। 2016 से 2021 के बीच काम करने वाले रोबोट की संख्या दोगुनी हो गई। औद्योगिक, चिकित्सा और अंतरिक्ष क्षेत्रों में रोबोटिक तकनीक ने नई संभावनाएं खोली हैं। हालांकि, अमेरिका, जापान और जर्मनी जैसे देशों की तुलना में भारत का विकास अपेक्षाकृत धीमा है।

भारत का पहला सर्जिकल टेली-रोबोटिक सिस्टम
SSI मंत्र, एक क्रांतिकारी सर्जिकल टेली-रोबोटिक सिस्टम, भारत में रोबोटिक्स के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है। यह सिस्टम 286 किलोमीटर की दूरी से दिल के सफल ऑपरेशन कर चुका है। इसे गुरुग्राम स्थित SSI Ltd. ने बनाया है और इसे CDSCO से मंजूरी मिली है। इसकी तेज़ प्रतिक्रिया क्षमता (35-40 मिलीसेकंड) ने दूरस्थ चिकित्सा को संभव बनाया है।

रोबोटिक्स का बढ़ता दायरा: अस्पताल से खेत और अंतरिक्ष तक
चिकित्सा में योगदान:

टेली-रोबोटिक सर्जरी सिस्टम।
Da Vinci Surgical System: सर्जिकल प्रक्रियाओं में क्रांति।
UV-C Sanitizer Robots: अस्पतालों को संक्रमण मुक्त रखने वाले।
खेती में मददगार:

एग्रीबॉट: फसल कटाई और दवाई छिड़कने वाला रोबोट।
AgriRover: फसलों की निगरानी और विश्लेषण करने वाला उन्नत रोबोट।
औद्योगिक क्षेत्र में:

RoboWeld: वेल्डिंग के लिए उपयोग होने वाला रोबोट।
Fetch Robotics: गोदामों में सामान उठाने और ढोने वाला रोबोट।
अंतरिक्ष में कारनामे:

प्रज्ञान रोवर: चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा।
NASA का Perseverance Rover: मंगल ग्रह पर अनुसंधान कर रहा है।
सफाई और बचाव कार्यों में:

बैंडिकूट रोबोट: गटर साफ करने के लिए।
PackBot: बचाव कार्यों और खतरनाक इलाकों में उपयोग।
भारत में रोबोटिक्स: आंकड़े और प्रगति
वर्ल्ड रोबोटिक्स रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारत रोबोटिक इंस्टॉलेशन में सातवें स्थान पर है।
2018 से 2023 तक हर साल औसतन 5% की वृद्धि।
अब भारत की फैक्ट्रियां और उद्योग रोबोटिक तकनीक का तेजी से उपयोग कर रहे हैं।
चुनौतियां और समाधान
लागत और ट्रेनिंग की कमी:

रोबोटिक सर्जरी और उपकरण महंगे हैं।
प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी है।
नैतिक और तकनीकी सवाल:

ऑपरेशन में गलती होने पर जिम्मेदारी तय करने की समस्या।
इंटरनेट से जुड़े रोबोट पर साइबर हमलों का खतरा।
निष्कर्ष: उज्जवल भविष्य की ओर
रोबोटिक्स भारत में चिकित्सा, कृषि और अंतरिक्ष अनुसंधान में क्रांति ला रहा है। हालांकि चुनौतियां मौजूद हैं, लेकिन भारत के वैज्ञानिक, उद्योग और सरकार इस क्षेत्र में प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं। रोबोटिक्स का बढ़ता दायरा भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत बनाने की ओर अग्रसर है।