शरबत जिहाद टिप्पणी पर भड़की दिल्ली हाई कोर्ट

Vishal Singh | बड़ी खबर | 22

 रामदेव ने हाल ही में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया था कि “रूह अफजा से कमाया गया पैसा मदरसे और मस्जिद बनाने में लगाया जाता है।” इस बयान के बाद उन्होंने सफाई दी कि उन्होंने किसी विशेष ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया है।

पतंजलि प्रमुख बाबा रामदेव की ‘शरबत जिहाद’ टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने टिप्पणी को “अक्षम्य” बताते हुए कहा कि इस बयान ने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। यह टिप्पणी हमदर्द कंपनी के उत्पाद ‘रूह अफजा’ के खिलाफ की गई थी।

दरअसल, रामदेव ने हाल ही में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया था कि “रूह अफजा से कमाया गया पैसा मदरसे और मस्जिद बनाने में लगाया जाता है।” इस बयान के बाद उन्होंने सफाई दी कि उन्होंने किसी विशेष ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया है।

हमदर्द ने इसे सांप्रदायिक रंग देने और व्यवसाय को नुकसान पहुंचाने वाला बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि यह मामला केवल व्यापारिक प्रतिस्पर्धा का नहीं, बल्कि सांप्रदायिक विभाजन और घृणा फैलाने का गंभीर प्रयास है। उन्होंने रामदेव के वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने की मांग की।

कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि इस तरह की टिप्पणियाँ न केवल विवादास्पद और भड़काऊ हैं, बल्कि समाज में धार्मिक वैमनस्य फैलाने की भी आशंका पैदा करती हैं। अदालत ने टिप्पणी को अनुचित बताते हुए कहा कि “ऐसे शब्दों का सार्वजनिक मंच से प्रयोग न्यायिक मर्यादा और सामाजिक सद्भाव के विरुद्ध है।” मामले की अगली सुनवाई जल्द तय की जाएगी, लेकिन यह विवाद धर्म, व्यवसाय और सामाजिक ज़िम्मेदारी के जटिल समीकरण को एक बार फिर सार्वजनिक विमर्श के केंद्र में ले आया है।