एक स्थानीय मेले के दौरान किशन को अपने पिता से ज्यादा कमाई करने की चुनौती मिलती है। सम्मान पाने की जिद में वह एक अनोखा विचार लेकर आता है – महिलाओं के लिए मोबाइल टॉयलेट रिक्शा। यही विचार उसकी सामाजिक संघर्ष की शुरुआत बनता है।
निखिल राज सिंह द्वारा निर्देशित "जाइये आप कहाँ जायेंगे" एक संवेदनशील और ज़मीनी फिल्म है, जो ग्रामीण भारत में स्वच्छता की कमी और जातिगत राजनीति जैसे गंभीर मुद्दों को बेहद सादगी के साथ प्रस्तुत करती है। यह फिल्म न सिर्फ मनोरंजन देती है, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करती है।
कहानी का सार
फिल्म की कहानी किशन (करण आनंद) नामक एक रिक्शा चालक के इर्द-गिर्द घूमती है, जो हरिद्वार में वर्षों साधु जीवन बिताने के बाद अपने गांव लौटता है। लेकिन उसकी वापसी पर उसका परिवार – पिता नथुनी (संजय मिश्रा) और बेटी (अद्रिजा सिन्हा) – उसे अपनाने को तैयार नहीं हैं। पिता उसके छोड़कर जाने से अब भी आहत हैं और बेटी उससे दूरी बनाए रखती है।
एक स्थानीय मेले के दौरान किशन को अपने पिता से ज्यादा कमाई करने की चुनौती मिलती है। सम्मान पाने की जिद में वह एक अनोखा विचार लेकर आता है – महिलाओं के लिए मोबाइल टॉयलेट रिक्शा। यही विचार उसकी सामाजिक संघर्ष की शुरुआत बनता है।
शानदार अभिनय, गहरी संवेदना
फिल्म का दिल हैं संजय मिश्रा, जिन्होंने एक कठोर लेकिन भीतर से टूटा हुआ पिता बखूबी निभाया है। उनका अभिनय दर्शकों को भीतर तक छू जाता है – खासकर वो दृश्य जब उन्हें उच्च जाति के नेता द्वारा अपमानित किया जाता है, या जब वह बेटे की सफलता को गर्व से देखते हैं। करण आनंद ने किशन के रूप में अपनी भूमिका को पूरी ईमानदारी से निभाया है। अद्रिजा सिन्हा भी अपने किरदार में दमदार हैं, एक ऐसी किशोरी के रूप में जो धीरे-धीरे अपने पिता को फिर से अपनाना सीखती है।
ग्रामीण यथार्थ की सच्ची तस्वीर
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी, लोकेशन और संवाद इसे बेहद वास्तविक बनाते हैं। जातिगत राजनीति, भ्रष्टाचार, और सामाजिक उदासीनता जैसे विषयों को बिना किसी नाटकीयता के दिखाया गया है। फिल्म का टोन 'टॉयलेट: एक प्रेम कथा' से मिलता-जुलता जरूर है, लेकिन इसकी प्रस्तुति अधिक वास्तविक और बिना ग्लैमर के है।
निष्कर्ष
"जाइये आप कहाँ जायेंगे" एक ऐसी फिल्म है जो जरूरी सवाल उठाती है – क्या आज भी गांवों में बुनियादी सुविधाएं सिर्फ एक सपना हैं? क्या बदलाव की शुरुआत एक आम आदमी कर सकता है? यह फिल्म इन सवालों के जवाब देती है, एक मार्मिक और प्रेरणादायक कहानी के माध्यम से।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐☆ (4/5)
श्रेणी: सामाजिक ड्रामा | भाषा: हिंदी
मुख्य कलाकार: संजय मिश्रा, करण आनंद, अद्रिजा सिन्हा
निर्देशक: निखिल राज सिंह
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