क्या 56,000 तक गिर सकती है सोने की कीमत? जानिए क्या कहते हैं जानकार

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मशहूर वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्निंगस्टार के रणनीतिकार जॉन मिल्स का मानना है कि सोने की मौजूदा कीमतें अस्थायी हैं और आने वाले वर्षों में इनमें भारी गिरावट आ सकती है। उनका अनुमान है कि सोने की कीमतों में करीब 40% तक की गिरावट हो सकती है, जिससे यह ₹55,000 प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है। 

सोने की कीमतें इस समय ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं। 24 कैरेट सोना लगभग ₹90,000 प्रति 10 ग्राम के आसपास बिक रहा है। निवेशकों और आम जनता के बीच यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि क्या यह कीमत और बढ़ेगी या अब इसमें गिरावट की शुरुआत हो सकती है?

मॉर्निंगस्टार का बड़ा दावा: कीमतों में 40% गिरावट संभव
मशहूर वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्निंगस्टार के रणनीतिकार जॉन मिल्स का मानना है कि सोने की मौजूदा कीमतें अस्थायी हैं और आने वाले वर्षों में इनमें भारी गिरावट आ सकती है। उनका अनुमान है कि सोने की कीमतों में करीब 40% तक की गिरावट हो सकती है, जिससे यह ₹55,000 प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है। उनका तर्क है कि जैसे-जैसे महंगाई पर काबू पाया जाएगा और ब्याज दरें स्थिर होंगी, सोने में निवेश का आकर्षण कम हो सकता है।

एचएसबीसी का उल्टा रुख: कीमतें और बढ़ेंगी
दूसरी ओर, एचएसबीसी बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भू-राजनीतिक तनाव, जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया की स्थिति, सोने की कीमतों को और ऊपर ले जा सकते हैं।
एचएसबीसी ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि: 2025 में सोने की औसत कीमत $3,015 प्रति औंस हो सकती है। 2026 में यह कीमत $2,915 प्रति औंस रहने की संभावना है। इस पूर्वानुमान के अनुसार, भारत में भी सोने की कीमतें लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं।

क्या करें निवेशक?
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के इस दौर में निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि: जल्दबाजी में सोना न बेचें और बाजार की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय संकेतकों पर नजर रखें। दीर्घकालिक निवेश के नजरिए से ही निर्णय लें। जहां एक ओर कुछ विशेषज्ञ सोने की कीमतों में भारी गिरावट की संभावना जता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वैश्विक तनाव और महंगाई जैसे कारक कीमतों को ऊंचा बनाए रख सकते हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे हर कदम सोच-समझकर उठाएं।

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