भाई दूज हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भाई-बहनों के रिश्ते को समर्पित है
भाई दूज हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भाई-बहनों के रिश्ते को समर्पित है। यह रक्षाबंधन की तरह मनाया जाता है, लेकिन इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक कर मिठाई खिलाती हैं। हालांकि, बहनें भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधतीं, फिर भी वे उनके लंबे जीवन और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस बार भाई दूज की तिथि को लेकर कुछ उलझन है, क्योंकि दिवाली 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को मनाई जाएगी। इसलिए, जानें भाई दूज कब है और तिलक करने का शुभ मुहूर्त क्या होगा।
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाई दूज का पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 3 नवंबर, रविवार को है। हालांकि, भाई दूज की तिथि 2 नवंबर को रात 8:21 बजे से शुरू होगी और 3 नवंबर को 10:05 बजे समाप्त होगी। इसलिए, उदिया तिथि के अनुसार भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भाइयों को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 बजे से लेकर 3:22 बजे तक है, जब बहनें अपने भाइयों को तिलक कर सकती हैं।
अगर आप भाई दूज पर अपने भाई को तिलक करना चाहती हैं, तो इसके लिए कुछ सरल नियम और विधि हैं। सबसे पहले, बहनें भाई दूज के दिन सुबह ही तिलक की थाली तैयार कर लें। थाली में फल, फूल, कुमकुम, मिठाई, चावल और चंदन जरूर रखें।
तिलक की तैयारी: शुभ मुहूर्त में भाई को एक चौकी या पाटा पर बिठाएं और उसके सिर पर लाल रंग का रुमाल रखें।
तिलक करना: अपनी अनामिका उंगली से भाई के माथे पर कुमकुम या चंदन से तिलक करें।
चावल छिड़कना: तिलक के ऊपर चावल छिड़कें।
मिठाई खिलाना: फिर अपने हाथों से भाई को मिठाई खिलाएं। इस दिन भाई को सूखा नारियल भी दिया जाता है।
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