गिडार से बचाव के लिए खेत से समय-समय पर पानी निकालते रहे, किन्ही दो कीटनाशक जैसे कि कोलेन्ट्रा निलिप्रोल 9.3 प्रतिशत एवं लैम्बड़ासाइलोथ्रिन 4.6 प्रतिशत का 80 मिली लीटर मात्रा प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें
जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमित जायसवाल ने जिले के सभी कृषक भाइयों को सूचित किया है कि वर्तमान में धान की फसल वानस्पतिक अवस्था में है। मौसम में हो रहे परिवर्तन के चलते कभी वर्षा एवं वर्षा के बाद लगातार तेज धूप से वातावरण में आद्रता के साथ ही तापमान में भी वृद्धि है जिससे धान की फसल में कीट रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान विकासखण्ड जवां के ग्राम गोधा, विकासखण्ड इगलास के ग्राम कजरौठ, विकासखण्ड खैर के ग्राम अरनी, लोधा के ग्राम दुनाई एवं सैमला, विकासखण्ड धनीपुर के ग्राम बुढ़ासी, अकराबाद में धान की फसलों में सघन कीट रोग सर्वेक्षण से यह पता चला है कि वर्तमान में धान की फसल में तना वेधक (गिडार) का प्रकोप अधिक है जिससे आर्थिक क्षति स्तर 5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। गिडार से बचाव के लिए किसान भाई खेत से समय-समय पर पानी निकालते रहे और किन्ही दो कीटनाशक जैसे कि कोलेन्ट्रा निलिप्रोल 9.3 प्रतिशत एवं लैम्बड़ासाइलोथ्रिन 4.6 प्रतिशत का 80 मिली लीटर मात्रा प्रति एकड़ की दर से 600 लीटर पानी में अथवा आइसोसाइक्लो सेरम 18 प्रतिशत की 120 मिली लीटर मात्रा को 600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए जिला कृषि रक्षा अधिकारी के मोबाइल नं. 7905096254 पर सम्पर्क कर सकते है।
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