टंकी का पानी पीने से बीमार हुए बच्चे, बड़े भी शामिल
कई लोग पेट दर्द, उल्टी और लूज मोशन से परेशान
Disease is spreading in the societies of Greater Noida West | ग्रेटर नोएडा वेस्ट: इलाके की कई हाउसिंग सोसाइटियों में बीमार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पेट दर्द, उल्टी और लूज मोशन की शिकायतें बढ़ने से निवासियों में डर का माहौल है। डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
क्या है बीमारी फैलने की वजह?
शुरुआती जांच में पानी की गुणवत्ता खराब होने को मुख्य कारण माना जा रहा है। कुछ सोसाइटियों के टैंकों में दूषित पानी की सप्लाई हो रही है, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन फैल रहा है।
संभावित कारण
पानी में बैक्टीरिया और वायरस – पानी के सैंपल टेस्ट में बैक्टीरिया और हानिकारक तत्व पाए गए हैं।
सीवर लीक होने की आशंका – कई सोसाइटियों में पाइपलाइन लीकेज की शिकायतें मिली हैं, जिससे गंदा पानी पीने के पानी में मिल सकता है।
खराब जल आपूर्ति प्रणाली – टैंकों की सफाई समय पर नहीं होने और पुरानी पाइपलाइनों की वजह से दूषित पानी सप्लाई हो सकता है।
मौसमी बदलाव और वायरल इंफेक्शन – मानसून के बाद बैक्टीरिया और वायरस तेजी से फैलते हैं, जिससे डायरिया, उल्टी और पेट दर्द जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
बीमारी कब और कैसे फैली?
पिछले 4-5 दिनों में अचानक कई सोसाइटियों के लोगों ने पेट दर्द, उल्टी और लूज मोशन की शिकायत की।
शुरुआत में इसे मौसम बदलाव का असर माना गया, लेकिन तेजी से बढ़ते मामलों ने इसे जलजनित बीमारी की ओर इशारा किया।
अस्पतालों में भर्ती मरीजों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन और फूड पॉयजनिंग के लक्षण पाए गए।
प्रभावित सोसाइटी और निवासियों की स्थिति
आंकड़ों के मुताबिक, करीब 300 से ज्यादा लोग बीमार हो चुके हैं।
कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई है, जबकि कुछ लोग घर पर ही इलाज करा रहे हैं।
निवासियों ने जल आपूर्ति और टैंक की सफाई को लेकर बिल्डर और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने क्या किया?
जल आपूर्ति की जांच शुरू कर दी गई है।
पानी के सैंपल लैब में भेजे गए हैं, ताकि संक्रमण की पुष्टि हो सके।
स्वास्थ्य विभाग ने सोसाइटियों को टैंकों की सफाई करवाने और उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी है।
इलाके में मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं ताकि बीमार लोगों का तत्काल इलाज हो सके।
निवासियों को क्या करना चाहिए?
सिर्फ उबला या फ़िल्टर किया हुआ पानी ही पिएं।
खुले में मिलने वाले खाने से बचें।
अगर उल्टी, दस्त या बुखार के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बिल्डर और प्रशासन से टैंकों और पाइपलाइनों की नियमित सफाई की मांग करें।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की कई हाउसिंग सोसाइटियों में गंदे पानी की आपूर्ति के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियां फैल रही हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन निवासियों को भी सतर्क रहना होगा। जब तक पानी की गुणवत्ता सुधरती नहीं, तब तक सभी को साफ और सुरक्षित पानी का उपयोग करने की सख्त जरूरत है।
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