ई-आफिस प्रणाली लागू होने के बाद कलैक्ट्रेट में अब तेजी से होगा फाइलों का निपटारा

Dr. Bhishm Vrat Yadav | अलीगढ़ | 53

कलैक्ट्रेट कार्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने से कार्य में तेजी आने के साथ पारदर्शिता से काम होगा, भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा,सरकारी कार्यालयों में जरूरी दस्तावेजों को सुरक्षित रखना होगा
आसान होगा

प्रदेश सरकार समूचे राज्य में सरकारी कामकाज को पूरी तरह से ई-ऑफिस के जरिए करने में जुटी हुई है। शासन स्तर पर व्यवस्था लागू होने के बाद अब जिलों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू की जा रही है। जिले के सभी कार्यालयों में ई-ऑफिस लागू करने की श्रृंखला में जिला मजिस्ट्रेट विशाख अय्यर ने सर्वप्रथम अपने कलैक्ट्रेट कार्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने की पहल की है। इससे कार्य में तेजी आने के साथ ही पारदर्शिता से काम होगा, भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। ई-ऑफिस से समय की बचत होगी। सरकारी कार्यालयों में जरूरी दस्तावेजों को सुरक्षित रखना आसान होगा।
डीएम विशाख ने जिले का सचिवालय कहे जाने वाले कलैक्ट्रेट कार्यालय में तय समय सीमा के भीतर ई-ऑफिस व्यवस्था लागू कर दी गयी है। निश्चित ही अब जिले के अन्य विभागों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू की जाएगी। कौन सी फाइल किस पटल पर कब से रुकी हुई है, संबंधित की जिम्मेदारी निर्धारित हो सकेगी और डीएम किसी भी पत्रावली की स्वयं कंप्यूटर के माध्यम से मॉनिटरिंग कर सकेंगे। 

ऐसे काम करती है ई-ऑफिस प्रणाली:

ईडीएम मनोज राजपूत ने बताया कि ई-ऑफिस का प्रयोग करने के लिए कर्मचारियों के पास आई थ्री प्रोसेसर, विंडो-10 या उससे ऊपर का कम्प्यूटर होना चाहिए। इसके साथ ही 50 एमबीपीएस का इंटरनेट भी आवश्यक है। ई-ऑफिस का सॉफ्टवेयर एनआइसी के नेटवर्क पर बेहतर ढ़ंग से कार्य करता है। यदि एनआइसी का इंटरनेट नहीं है तो कर्मचारी को वीपीएन का नेटवर्क आवश्यक होता है। अधिकारी-कर्मचारी को ई-ऑफिस पर लॉग इन करने के लिए एनआइसी की ई-मेल आईडी और पासवर्ड होना आवश्यक है, जिसकी मैपिंग ई-ऑफिस पोर्टल पर की जाती है।
  
क्या कहना है अधिकारियों का:

अपर जिलाधिकारी न्यायिक एवं नोडल अधिकारी अखिलेश कुमार का कहना है कि ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने से काफी आसानी होगी।  ई-ऑफिस प्रणाली से कार्यालय के समस्त पत्र, फाइल संबंधित कार्य ऑनलाइन हो गए हैं। इससे दस्तावेज को हमेशा के लिए सुरक्षित रखने में मदद तो मिलेगी ही, फाइल और पत्र खोजने में आसानी होगी, साथ ही समय की भी बचत होगी। उन्होंने बताया कि इन दो दिन में स्वयं उनके एवं एडीएम प्रशासन, डीएलआरसी और ईडीएम पटल से पत्रावलियों एवं पत्रों का प्रेषण किया गया है।