मां सरस्वती की आरती और बसंत पंचमी 2025 का शुभ मुहूर्त

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3 फरवरी 2025 को प्रातः 07:12 से दोपहर 12:35 बजे तक (सर्वोत्तम मुहूर्त)
विद्यार्थियों और विद्या आरंभ के लिए: प्रातः 08:00 से 10:00 बजे तक
व्यवसाय, नया कार्य शुरू करने के लिए: प्रातः 10:30 से दोपहर 12:30 बजे तक

Aarti of Maa Saraswati and auspicious time of Basant Panchami 2025 | बसंत पंचमी का पर्व ज्ञान, बुद्धि और संगीत की देवी मां सरस्वती को समर्पित होता है। इस दिन विशेष रूप से माता सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। 2025 में बसंत पंचमी का पर्व 2 और 3 फरवरी को मनाया जाएगा। अगर आप भी इस दिन माता सरस्वती की आराधना करना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और मां सरस्वती की आरती।

बसंत पंचमी 2025 का शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी तिथि 2 फरवरी 2025 (रविवार) को रात 11:01 बजे से शुरू होकर 3 फरवरी 2025 (सोमवार) को दोपहर 1:05 बजे तक रहेगी।

पूजा के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त:
3 फरवरी 2025 को प्रातः 07:12 से दोपहर 12:35 बजे तक (सर्वोत्तम मुहूर्त)
विद्यार्थियों और विद्या आरंभ के लिए: प्रातः 08:00 से 10:00 बजे तक
व्यवसाय, नया कार्य शुरू करने के लिए: प्रातः 10:30 से दोपहर 12:30 बजे तक

इस दिन पीले वस्त्र धारण कर मां सरस्वती की आराधना करना शुभ माना जाता है।

मां सरस्वती की आरती
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सद्गुण, सुख, संपत्ति दायिनी, अमृत की बरसाता॥

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

चंद्रवदनी पद्मासिनी, द्विजवर सेवा पाता।
भगत, भक्त जन पूरण, ज्योत स्वरूपा राता॥

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

जिसके कृपा दृष्टि से ही, बुद्धि का दीपक जलता।
ज्ञान प्राप्त कर विद्या पाकर, जीवन सफल बनता॥

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

विनती करूं मैं माता, चरणों में रखो लाज।
सरस्वती जय माता, दूर करो अज्ञानता॥

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा विधि
1️⃣ सुबह जल्दी स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें।
2️⃣ घर में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
3️⃣ पीले फूल, अक्षत, हल्दी, पीले फल और मिठाई अर्पित करें।
4️⃣ सरस्वती वंदना, स्तोत्र और आरती का पाठ करें।
5️⃣ विद्या आरंभ करने वाले बच्चे माता सरस्वती की विशेष पूजा करें।
6️⃣ मां सरस्वती को पीली मिठाइयों का भोग लगाएं और प्रसाद बांटें।

बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी विद्या, ज्ञान, संगीत और कला की देवी सरस्वती का प्रमुख पर्व है। इस दिन लोग नए कार्य, विद्या आरंभ, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत करते हैं। विद्यार्थियों और कलाकारों के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस बार बसंत पंचमी पर बन रहे शुभ योगों के कारण यह पर्व और भी मंगलकारी हो गया है।